OPTIONS
Display
संस्कृत (देवनागरी लीपी)
સંસ્કૃત (ગુજરાતી લીપી)
Sanskṛuta (Transliteration)
ગુજરાતી (મૂળ સૂત્ર)
Gujarātī (Transliteration)
English (Translation)
हिन्दी (अनुवाद)
मराठी (भाषांतर)
ਪੰਜਾਬੀ (ਭਾਵਾਨੁਵਾਦ)
Audio
Language:
Sanskrit
Gujarati
Hindi
Show audio player
Autoplay on start
Auto advance audio
Auto scroll to audio
Auto advance page
॥ શ્રી સ્વામિનારાયણો વિજયતે ॥
॥ સત્સંગદીક્ષા ॥
SHASTRIJI/GUNATIT CHALLENGE |
मर्यादा पालनीयैव
Show
મર્યાદા પાલનીયૈવ
Show
Maryādā pālanīyaiva
Show
મંદિરમાં આવેલ સૌ કોઈએ
ShowMandirmā āvel sau koīe
ShowAfter arriving at the mandir, all should
Showमंदिर में आए हुए सभी दर्शनार्थी अपनी मर्यादा का पालन अवश्य करें। मंदिर में आए हुए पुरुष, महिला का स्पर्श न करें तथा महिलाएँ, पुरुष का स्पर्श न करें। (२६१)
मंदिरात आलेल्या सर्वांनी मर्यादांचे पालन अवश्य करावे. मंदिरात आलेल्या पुरुषांनी स्त्रियांना स्पर्श करू नये, तथा स्त्रियांनी पुरुषांना स्पर्श करू नये. (261)
नियममनुसृत्यैव
Show
નિયમમનુસૃત્યૈવ
Show
Niyamam anusṛutyaiva
Show
સ્ત્રીઓ તથા પુરુષોએ હંમેશાં
ShowStrīo tathā puruṣhoe hammeshā
ShowAt the mandir, males and females should
Showमंदिर में महिलाएँ तथा पुरुष सदा सत्संग के नियमों के अनुसार वस्त्र धारण करें। (२६२)
मंदिरात स्त्री-पुरुषांनी सदैव सत्संगाच्या नियमानुसार वस्त्रे परिधान करावीत. (262)
गच्छेद् यदा
Show
ગચ્છેદ્ યદા
Show
Gachchhed yadā
Show
ભક્તજને ભગવાન કે ગુરુનાં
ShowBhaktajane Bhagwān ke gurunā
ShowA devotee should never go empty-
Showभक्तजन भगवान अथवा गुरु के दर्शन करने खाली हाथ कदापि न जाएँ। (२६३)
भक्तांनी भगवान व गुरूंच्या दर्शनाला कधीही रिक्त हस्ते जाऊ नये. (263)
आदित्य
Show
આદિત્ય
Show
Āditya-
Show
સર્વે સત્સંગીઓએ સૂર્ય કે
ShowSarve satsangīoe sūrya ke
ShowDuring a solar or lunar eclipse, all satsangis should
Showसभी सत्संगी सूर्य अथवा चन्द्र के ग्रहणकाल में सभी क्रियाओं का त्याग कर भगवान का भजन करें। उस समय निद्रा तथा भोजन का परित्याग कर, एक स्थान पर बैठकर, ग्रहण पूर्ण होने तक भगवत्कीर्तन आदि करें। (२६४-२६५)
सर्व सत्संगींनी सूर्य व चंद्र ग्रहणांच्या वेळी सर्व क्रियांचा त्याग करून भगवंतांचे भजन करावे, त्यावेळी झोप आणि अन्नाचा त्याग करून, एका जागेवर बसून ग्रहण संपे पर्यंत भगवंतांचे भगवत्कीर्तनादी करावे. (264-265)
निद्रां च भोजनं
Show
નિદ્રાં ચ ભોજનં
Show
Nidrām cha bhojanam
Show
સર્વે સત્સંગીઓએ સૂર્ય કે ચન્દ્રના ગ્રહણ કાળે સર્વ ક્રિયાઓનો ત્યાગ કરી ભગવાનનું ભજન કરવું. તે સમયે નિદ્રા તથા
ShowSarve satsangīoe sūrya ke chandranā grahaṇ kāḷe sarva kriyāono tyāg karī Bhagwānnu bhajan karavu. Te samaye nidrā tathā
ShowDuring a solar or lunar eclipse, all satsangis should discontinue all activities and engage in Bhagwan’s bhajan. During that time, one should not
Showसभी सत्संगी सूर्य अथवा चन्द्र के ग्रहणकाल में सभी क्रियाओं का त्याग कर भगवान का भजन करें। उस समय निद्रा तथा भोजन का परित्याग कर, एक स्थान पर बैठकर, ग्रहण पूर्ण होने तक भगवत्कीर्तन आदि करें।† (२६४-२६५)
†ग्रहण संबंधी विशेष नियम परिशिष्ट में दिए गए हैं।
सर्व सत्संगींनी सूर्य व चंद्र ग्रहणांच्या वेळी सर्व क्रियांचा त्याग करून भगवंतांचे भजन करावे, त्यावेळी झोप आणि अन्नाचा त्याग करून, एका जागेवर बसून ग्रहण संपे पर्यंत भगवंतांचे भगवत्कीर्तनादी करावे. (264-265)
ग्राहमुक्तौ
Show
ગ્રાહમુક્તૌ
Show
Grāha-muktau
Show
ગ્રહણની મુક્તિ થયે
ShowGrahaṇnī mukti thaye
ShowWhen the eclipse is over,
Showग्रहण की मुक्ति होने पर सभी जन सवस्त्र स्नान करें। त्यागाश्रमी भगवान की पूजा करें तथा गृहस्थ दान करें। (२६६)
ग्रहण सुटल्यावर सर्वांनी सचैल स्नान करावे. त्यागींनी भगवंतांची पूजा करावी आणि गृहस्थांनी दान करावे. (266)
जन्मनो मरण
Show
જન્મનો મરણ
Show
Janmano maraṇa
Show
જન્મ-મરણની સૂતક
ShowJanma-maraṇnī sūtak
ShowOne should perform rituals related to
Showजन्म-मरण की सूतक-मृतक विधियों तथा श्राद्ध आदि विधियों का सत्संग की रीति† के अनुसार पालन करें। (२६७)
†विशेष जानकारी के लिए परिशिष्ट देखें।
जन्म-मरणाचे सोयरसुतक तथा श्राद्ध आदिक विधी सत्संगाच्या रीती अनुसरून पाळावे. (267)
प्रायश्चित्त
Show
પ્રાયશ્ચિત્ત
Show
Prāyash-chittam
Show
કોઈ અયોગ્ય આચરણ
ShowKoī ayogya ācharaṇ
ShowIf one has acted immorally,
Showकिसी अयोग्य आचरण के हो जाने पर भगवान को प्रसन्न करने के लिए शुद्ध भाव से प्रायश्चित्त करें। (२६८)
काही अयोग्य आचरण झाल्यास भगवंतांना प्रसन्न करण्यासाठी शुद्धभावाने प्रायश्चित्त घ्यावे. (268)
आपत्काले तु
Show
આપત્કાલે તુ
Show
Āpat-kāle tu
Show
આપત્કાળમાં જ આપદ્ધર્મ
ShowĀpatkāḷmā ja āpaddharma
ShowOne should follow the rules described for emergencies
Showआपत्काल में ही आपद्धर्म का आचरण करें। अल्प आपत्ति को बड़ी आपत्ति मानकर धर्म का त्याग न करें। (२६९)
आपत्काळीच आपद्धर्म पाळावेत. छोट्या आपत्तीला मोठी आपत्ती मानून धर्माचा त्याग करू नये. (269)
आपत्तौ कष्टदायां
Show
આપત્તૌ કષ્ટદાયાં
Show
Āpattau kaṣhṭa-dāyām
Show
કષ્ટ આપે તેવી આપત્તિ
ShowKaṣhṭ āpe tevī āpatti
ShowWhen agonizing calamities
Showकष्टदायक आपत्ति के अवसर पर भगवान के बल से जिस प्रकार अपनी और अन्य की रक्षा हो, वैसा आचरण करें। (२७०)
कष्टदायक आपत्ती आल्यास भगवद्बलाने ज्या प्रकारे स्वतःचे व दुसऱ्यांचे रक्षण होईल असे करावे. (270)