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સંસ્કૃત (ગુજરાતી લીપી)
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॥ શ્રી સ્વામિનારાયણો વિજયતે ॥
॥ સત્સંગદીક્ષા ॥
SHASTRIJI/GUNATIT CHALLENGE |
स्वोपयोगाऽनुसारेण
સ્વોપયોગાઽનુસારેણ
Svopayogā’nusāreṇa
ગૃહસ્થ પોતાના ઉપયોગને
Gṛuhasth potānā upyogne
Householders should save provisions,
गृहस्थ अपने उपयोग के अनुसार एवं समय-शक्ति के अनुसार अनाज, द्रव्य या धन आदि का संग्रह करें। (१९६)
गृहस्थाने स्वतःच्या उपयोगानुसार तसेच समयशक्ती अनुसार अन्न, द्रव्य व धनादीचा संग्रह करावा. (196)
अन्नफलादिभिश्चैव
અન્નફલાદિભિશ્ચૈવ
Anna-falādibhish-chaiva
પાળેલાં પશુ-પક્ષી
Pāḷelā pashu-pakṣhī
According to one’s means, one should provide suitable food,
पालतु पशु-पक्षी आदि की अन्न, फल, जल इत्यादि से यथाशक्ति उचित देखभाल करें। (१९७)
पाळीव पशू-पक्ष्यांचा यथाशक्ती दाणापाणी इत्यादी द्वारा उचित रीतीने सांभाळ करावा. (197)
धनद्रव्यधरादीनां
ધનદ્રવ્યધરાદીનાં
Dhana-dravya-dharādīnām
ધન, દ્રવ્ય કે ભૂમિ
Dhan, dravya ke bhūmi
One should not betray the trust of
धन, द्रव्य या भूमि आदि के लेन-देन में विश्वासघात और कपट न करें। (१९८)
धन, द्रव्य व जमीन वगैरेची देवाणघेवाणात विश्वासघात तथा कपट करू नये. (198)
प्रदातुं कर्म
પ્રદાતું કર્મ
Pradātum karma-
કર્મચારીઓને જેટલું
Karmachārīone jeṭalu
One should pay employees
कर्मचारियों को जितना धन आदि देने का वचन दिया हो, उस वचन के अनुसार धन आदि दें; परंतु उससे कम कदापि न दें। (१९९)
कर्मचाऱ्यांना ठरल्याप्रमाणे धन आदी द्यावे पण कधीही कमी देऊ नये. (199)