OPTIONS
Display
संस्कृत (देवनागरी लीपी)
સંસ્કૃત (ગુજરાતી લીપી)
Sanskṛuta (Transliteration)
ગુજરાતી (મૂળ સૂત્ર)
Gujarātī (Transliteration)
English (Translation)
हिन्दी (अनुवाद)
मराठी (भाषांतर)
ਪੰਜਾਬੀ (ਭਾਵਾਨੁਵਾਦ)
Audio
Language:
Sanskrit
Gujarati
Hindi
Show audio player
Autoplay on start
Auto advance audio
Auto scroll to audio
Auto advance page
॥ શ્રી સ્વામિનારાયણો વિજયતે ॥
॥ સત્સંગદીક્ષા ॥
SHASTRIJI/GUNATIT CHALLENGE |
हरेर्गुरोर्विशिष्टानां
હરેર્ગુરોર્વિશિષ્ટાનાં
Harer guror vishiṣhṭānām
સત્સંગી જનોએ શ્રીહરિ તથા ગુરુના વિશિષ્ટ
Satsangī janoe Shrīhari tathā gurunā vishiṣhṭa
According to their means, satsangis should celebrate
सत्संगीजन श्रीहरि तथा गुरु के विशिष्ट प्रसंगों के दिन यथाशक्ति पर्वोत्सव करें। (२४६)
सत्संगी जनांनी श्रीहरि व गुरूंच्या विशिष्ट प्रसंगांच्या दिनी यथाशक्ती पर्वोत्सव साजरे करावेत. (246)
सवाद्यं कीर्तनं
સવાદ્યં કીર્તનં
Sa-vādyam kīrtanam
પર્વોત્સવોને વિષે ભક્તિએ
Parvotsavone viṣhe bhaktie
During festivals, satsangis should devoutly
पर्वोत्सव में भक्तिपूर्वक वाद्ययंत्रों के साथ कीर्तन करें तथा विशेष रूप से महिमा की बातें करें। (२४७)
पर्वोत्सवांत भक्तीपूर्वक सवाद्य कीर्तन करावे व विशेषत्वाने त्यांच्या महिम्याविषयी बोलावे. (247)
चैत्रशुक्ल
ચૈત્રશુક્લ
Chaitra-shukla-
ચૈત્ર સુદ નોમને
Chaitra sud nomne
On the day of Chaitra
चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान श्रीरामचंद्रजी का पूजन करें। श्रावण कृष्ण अष्टमी (पूर्णिमांत महीनों के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) के दिन भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करें। (२४८)
चैत्र शुक्ल नवमीला रामचंद्र भगवंतांचे पूजन करावे. श्रावण कृष्ण अष्टमीला कृष्ण भगवंतांचे पूजन करावे. (248)
शिवरात्रौ
શિવરાત્રૌ
Shiva-rātrau
શિવરાત્રિને વિષે
Shiva-rātrine viṣhe
On Shivratri,
शिवरात्रि के दिन शंकर भगवान का पूजन करें। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन गणपतिजी का पूजन करें। (२४९)
शिवरात्रीला शंकर भगवंतांचे पूजन करावे, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीला गणपतींचे पूजन करावे. (249)
मारुतिम्
મારુતિમ્
Mārutim
આસો વદ ચૌદશને દિવસ
Āso vad chaudashne divas
On Aso vad 14,
आश्विन कृष्ण चतुर्दशी (पूर्णिमांत महीनों के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) के दिन हनुमानजी का पूजन करें। मार्ग में कोई मंदिर आए, तो उस देव को भावपूर्वक प्रणाम करें। (२५०)
आश्विन कृष्ण चतुर्दशीला हनुमानजींचे पूजन करावे, मार्गात कोणतेही देवमंदिर आले तर त्या देवांना भक्तिभावाने प्रणाम करावा. (250)