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संस्कृत (देवनागरी लीपी)
સંસ્કૃત (ગુજરાતી લીપી)
Sanskṛuta (Transliteration)
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॥ શ્રી સ્વામિનારાયણો વિજયતે ॥
॥ સત્સંગદીક્ષા ॥
YOGI CHALLENGE |
सदैवाऽऽदरणीया
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સદૈવાઽઽદરણીયા
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Sadaivā’daraṇīyā
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વિદ્વાનો, વડીલો
ShowVidvāno, vaḍīlo
ShowOne should always respect the learned,
Showविद्वानों, वरिष्ठों एवं अध्यापकों को सदा आदर प्रदान करें। उत्कृष्ट वचन आदि क्रियाओं के द्वारा यथाशक्ति उनका सत्कार करें। (१६०)
विद्वान, वडील आणि अध्यापक यांना नेहमी आदर द्यावा, मधुरवचन इत्यादी क्रियेद्वारे यथाशक्तीनुसार त्यांचा सत्कार करावा. (160)
जनसंबोधनं
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જનસંબોધનં
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Jana-sambodhanam
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વ્યક્તિના ગુણ તથા
ShowVyaktinā guṇ tathā
ShowOne should address each individual according to their
Showव्यक्ति के गुण एवं कार्य आदि के अनुसार उसे संबोधित करें। यथाशक्ति उसे शुभ कार्यों में प्रोत्साहित करें। (१६१)
प्रत्येक व्यक्तीचे गुण तथा कार्यानुसार त्यांना संबोधीत करावे. यथाशक्ती त्यांना चांगल्या कार्यात प्रोत्साहन द्यावे. (161)
सत्यां वदेद्
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સત્યાં વદેદ્
Show
Satyām vaded
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સત્ય, હિત અને
ShowSatya, hit ane
ShowOne should speak words which are
Showसत्य, हितकारी एवं प्रिय वाणी बोलें। किसी मनुष्य पर मिथ्या अपवाद का आरोपण कदापि न करें। (१६२)
सत्य, हित आणि प्रिय वाणी बोलावी. कोणत्याही मनुष्यावर कधीही खोटे आरोप लावू नये. (162)
न वदेत् कुत्सितां
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ન વદેત્ કુત્સિતાં
Show
Na vadet kutsitām
Show
અપશબ્દોથી યુક્ત,
ShowApshabdothī yukta,
ShowOne should never utter
Showअपशब्दों से युक्त, सुननेवाले को दुःखदायक, निंदनीय, कठोर एवं द्वेषपूर्ण कुत्सित वाणी न बोलें। (१६३)
ऐकणाऱ्याला पीडा देणारी, अपशब्दयुक्त, निंद्य, कठोर, द्वेषयुक्त अशी कुत्सित वाणी बोलू नये. (163)