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संस्कृत (देवनागरी लीपी)
સંસ્કૃત (ગુજરાતી લીપી)
Sanskṛuta (Transliteration)
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॥ શ્રી સ્વામિનારાયણો વિજયતે ॥
॥ સત્સંગદીક્ષા ॥
YOGI CHALLENGE |
सर्वैः सत्सङ्गिभिः
સર્વૈઃ સત્સઙ્ગિભિઃ
Sarvaih satsangibhih
ભગવાનને વિષે પ્રીતિ વધારવા
Bhagwānne viṣhe prīti vadhāravā
To increase one’s love for Bhagwan,
भगवान के प्रति प्रीति बढ़ाने के लिए सभी सत्संगी हर्ष, उल्लास और भक्तिभाव से उत्सव करें। (२४४)
भगवंतांविषयी प्रीती वाढवण्यासाठी सर्व सत्संगींनी हर्षोल्हासाने भक्तिभावाने उत्सव साजरे करावेत. (244)
जन्ममहोत्सवा
જન્મમહોત્સવા
Janma-mahotsavā
ભગવાન સ્વામિનારાયણ તથા અક્ષરબ્રહ્મ ગુરુઓના જન્મ
Bhagwān Swāminārāyaṇ tathā Akṣharbrahma guruonā janma-
The birth festivals of Bhagwan Swaminarayan and
भगवान श्रीस्वामिनारायण तथा अक्षरब्रह्म गुरुओं के जन्ममहोत्सव भक्तिभावपूर्वक सदैव मनाएँ। (२४५)
भगवान स्वामिनारायण तथा अक्षरब्रह्म गुरूंचे जन्ममहोत्सव भक्तिभावाने सदैव साजरे करावेत. (245)
चैत्रशुक्ल
ચૈત્રશુક્લ
Chaitra-shukla-
ચૈત્ર સુદ નોમને
Chaitra sud nomne
On the day of Chaitra
चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान श्रीरामचंद्रजी का पूजन करें। श्रावण कृष्ण अष्टमी (पूर्णिमांत महीनों के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) के दिन भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करें। (२४८)
चैत्र शुक्ल नवमीला रामचंद्र भगवंतांचे पूजन करावे. श्रावण कृष्ण अष्टमीला कृष्ण भगवंतांचे पूजन करावे. (248)
शिवरात्रौ
શિવરાત્રૌ
Shiva-rātrau
શિવરાત્રિને વિષે
Shiva-rātrine viṣhe
On Shivratri,
शिवरात्रि के दिन शंकर भगवान का पूजन करें। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन गणपतिजी का पूजन करें। (२४९)
शिवरात्रीला शंकर भगवंतांचे पूजन करावे, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीला गणपतींचे पूजन करावे. (249)
मारुतिम्
મારુતિમ્
Mārutim
આસો વદ ચૌદશને દિવસ
Āso vad chaudashne divas
On Aso vad 14,
आश्विन कृष्ण चतुर्दशी (पूर्णिमांत महीनों के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) के दिन हनुमानजी का पूजन करें। मार्ग में कोई मंदिर आए, तो उस देव को भावपूर्वक प्रणाम करें। (२५०)
आश्विन कृष्ण चतुर्दशीला हनुमानजींचे पूजन करावे, मार्गात कोणतेही देवमंदिर आले तर त्या देवांना भक्तिभावाने प्रणाम करावा. (250)