कीर्तन मुक्तावली

धुन

धुन - १: जय अक्षरपति पुरुषोत्तम

जय अक्षरपति पुरुषोत्तम, जय जय स्वामी सहजानंद;

नारायण नटवर घनश्याम, स्वामिनारायण भगवान्... १

गुणातीतानंद स्वामी मूल अक्षर, सहजानंद एक परमेश्वर;

यही निश्चय से लेंगे नाम, जाएँगे वे अक्षरधाम... २

स्वामिनारायण भगवान प्रमुख स्वामीजी में विचरे अपार,

स्वामिनारायण भगवान महंत स्वामीजी में विचरते आज,

महंत स्वामीजी में विचरते आज, अनेक जीवों के कल्याण काज... ३

 

धुन - २: सर्व प्रेम से बोलो

सर्व प्रेम से बोलो, स्वामिनारायण भगवान्;

स्वामिनारायण भगवान्, स्वामिनारायण भगवान्... १

अक्षरधाम के निवासी, स्वामिनारायण भगवान्;

स्वामिनारायण भगवान्, स्वामिनारायण भगवान्... २

सबके मोक्ष के आधार, स्वामिनारायण भगवान्;

स्वामिनारायण भगवान्, स्वामिनारायण भगवान्... ३

प्रमुखस्वामी में रहते हैं, स्वामिनारायण भगवान्;

महंतस्वामी में रहते हैं, स्वामिनारायण भगवान्;

स्वामिनारायण भगवान्, स्वामिनारायण भगवान्... ४

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