कीर्तन मुक्तावली
मैं तो बंदी तेरी
1-16: सद्गुरु ब्रह्मानंद स्वामी
(हांरे) मैं तो बंदी तेरी, चरन लगाये लेरी... ꠶टेक
मैं बंकी निज घरकी, प्रीतम मेरे सिरदार;
तीन भुवनमें तुम बिन मोरे, और नहिं आधार... मैं꠶ १
मेरे दिलकी दोरी मेरम, है ज्युं तेरे हाथ;
बिना मोलकी चेरी तोरी, तुम हो मेरे नाथ... मैं꠶ २
मैं हूं कुटिल कुशील किंकरी, तुम समर्थ शिरताज;
ज्युं त्युं करके पार निभावो, तुमको मेरी लाज... मैं꠶ ३
मैं हूं दासी चरण उपासी, रह्यो न जावे दूर;
ब्रह्मानंद की एही बिनंती, राखो श्याम हजूर... मैं꠶ ४
Main to bandī terī
1-16: Sadguru Brahmanand Swami
(Hāre) Mai to bandī terī, charan lagāye lerī...
Mai bankī nij gharkī, prītam mere sirdār;
Tīn bhuvanme tum bin more, aur nahi ādhār... mai 1
Mere dilkī dorī meram, hai jyu tere hāth;
Binā molkī cherī torī, tum ho mere Nāth... mai 2
Mai hu kuṭil kushīl kinkarī, tum samarth shirtāj;
Jyu tyu karke pār nibhāvo, tumko merī lāj... mai 3
Mai hu dāsī charaṇ upāsī, rahyo na jāve dūr;
Brahmānand kī ehī binantī, rākho Shyām hajūr... mai 4