कीर्तन मुक्तावली
हम तो एक सहजानंद गावे
1-640: सद्गुरु प्रेमानंद स्वामी
पद - १
हम तो एक सहजानंद गावे,
हमारे मन स्वामिनारायण दूसरो न भावे... हम꠶ टेक
तप तीरथ साधनमें स्वप्ने नहिं जावे,
जैसे कोउ घृत छांड छाछकों न खावे... हम꠶ १
अणिमादिक अष्ट सिद्धि मुक्तिकुं न चा’वे,
सबको फल सहजानंद चरन चित्त लावे... हम꠶ २
सहजानंद जापसें त्रिय तापको बुझावे,
ईनहि के प्रतापसें अपार गति पावे... हम꠶ ३
अगम निगम कठिन रहस्य हमें न समजावे,
प्रेमानंद सार सुगम सहजानंद आवे... हम꠶ ४
Ham to ek Sahajānand gāve
1-640: Sadguru Premanand Swami
Pad - 1
Ham to ek Sahajānand gāve,
Hamāre man Swāminārāyaṇ dūsaro na bhāve...
Tap tīrath sādhanme svapne nahi jāve,
Jaise kou ghrut chhānḍ chhāchhko na khāve... ham 1
Aṇimādik ashṭ siddhi muktikun na chā’ve,
Sabko fal Sahajānand charan chitt lāve... ham 2
Sahajānand jāpse triya tāpko bujhāve,
Inhi ke pratāpse apār gati pāve... ham 3
Agam nigam kathīn rahasya hame na samjāve,
Premānand sār sugam Sahajānand āve... ham 4