कीर्तन मुक्तावली
हो मोरे घर आज तो रसिया बालम आवो मोहन रे
2-1144: सद्गुरु प्रेमानंद स्वामी
पद - १
हो मोरे घर आज तो रसिया बालम आवो मोहन रे,
मीठी मीठी मोरली सुनावो मोहन रे... आवो. टेक.
मनमोहन मोरे मंदिर आयके, मधुरे मधुरे सूर गावो मोहन रे. मोहन १
श्याम सुंदर मोये अंकभरी भेटके, तनके ताप समावो मोहन रे. मोहन २
नेनकी सेनमे नेह जगायके, रंगभीने रंग बरसावो मोहन रे. मोहन ३
प्रेमसखीके प्रान जीवन मोये, प्रेम अधुर रस पावो मोहन रे. मोहन ४
Ho more ghar āj to rasiyā bālam āvo mohan re
2-1144: Sadguru Premanand Swami
Pad - 1
Ho more ghar āj to rasiyā bālam āvo mohan re,
Mīṭhī mīṭhī moralī sunāvo mohan re. āvo... ṭek.
Man-mohan more mandir āyake, madhure madhure sūr gāvo mohan re. mo. 1
Shyām sundar moye ankabharī bheṭake, tanake tāp samāvo mohan re. mo. 2
Nenakī sename neh jagāyake, rang-bhīne rang barasāvo mohan re. mo. 3
Premsakhīke prān jīvan moye, prem adhur ras pāvo mohan re. mo. 4