कीर्तन मुक्तावली
मोहन मतवारे रे प्रीतम मेरे प्यारे
2-7006: सद्गुरु मुक्तानंद स्वामी
मोहन मतवारे रे (२) प्रीतम मेरे प्यारे, ना रहो मोसें न्यारे रे.... टेक꠶
एक पलक मोसें न्यारे रहो तो, विरह अगनि तन जारे रे... मोहन १
अब न दूर तजो मोय प्रीतम, हाथ बिकानी में तुमारे रे... मोहन २
तन मन धन में तुमकुं दीनो, ओर सनेह निवारी रे... मोहन ३
मुक्तानंद कहे में तेरी दासी, तुम हो नाथ हमारे रे... मोहन ४
Mohan matvāre re prītam mere pyāre
2-7006: Sadguru Muktanand Swami
Mohan matvāre re (2) prītam mere pyāre, nā raho mose nyāre re.... ṭek°
Ek palak mose nyāre raho to, virah agani tan jāre re... Mohan 1
Ab na dūr tajo moy prītam, hāth bikānī me tumāre re... Mohan 2
Tan man dhan me tumaku dīno, or saneh nivārī re... Mohan 3
Muktānand kahe me terī dāsī, tum ho nāth hamāre re... Mohan 4