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कीर्तन मुक्तावली

तुम ही मेरी रसना तुम ही मेरे बैना

तुम ही मेरी रसना, तुम ही मेरे बैना;

तुम ही मेरे श्रवना, तुम ही मेरे नैना... ꠶टेक

तुम ही मेरे नखशिख सकल शरीरा,

तुम ही मेरे जीयरे पावन नीरा... ꠶ १

तुम ही मेरे मन मुज तुम ही मेरे सांसा,

तुम ही मेरे सूरते प्राण निवासा... ꠶ २

तुम ही मेरे आतम कमल मछारी,

तुम ही मेरे मनसा तुमही पर वारी... ꠶ ३

तुम ही बिन मेरो और कोई नाहीं,

तुम ही मेरे जीवन दादु मांही... ꠶ ४

Tum hī merī rasnā tum hī mere bainā

Tum hī merī rasnā, tum hī mere bainā;

 Tum hī mere shravanā, tum hī mere nainā...

Tum hī mere nakhshikh sakal sharīrā,

 Tum hī mere jiyare pāvan nīrā... 1

Tum hī mere man muj tum hī mere sānsā,

 Tum hī mere sūrate prāṇ nivāsā... 2

Tum hī mere ātam kamal machhārī,

 Tum hī mere manasā tumhī par vārī... 3

Tum hī bin mero aur koī nāhī,

 Tum hī mere jīvan dādu māhī... 4

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